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चौहान क्लब उटैल ने हासिल किया नया मुकाम: अब 'पंजीकृत' होकर करेगा समाज सेवा

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खुशखबरी! हमारा अपना चौहान क्लब उटैल अब आधिकारिक रूप से 'पंजी० चौहान क्लब उटैल' बन गया है। यह क्लब के सदस्यों और पूरे उटैल गांव के लिए गर्व का क्षण है। लंबे समय से चल रही मेहनत और प्रयासों के बाद, हमारे क्लब ने पंजीकरण संख्या UK0600592025015295 के साथ अपनी कानूनी पहचान बना ली है। यह सिर्फ एक पंजीकरण नहीं है, बल्कि हमारे क्लब के नेक इरादों और भविष्य की योजनाओं की मज़बूत नींव है। अब तक हम सभी मिलकर जो समाज सेवा के कार्य कर रहे थे, अब उन्हें और भी बड़े स्तर पर करने का रास्ता खुल गया है। क्या बदलेगा अब? पंजीकरण के बाद, हमारा क्लब अब और भी ज़्यादा व्यवस्थित और पारदर्शी तरीके से काम कर पाएगा। हम सरकारी योजनाओं और अनुदानों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे हमारी गतिविधियां और भी व्यापक होंगी। चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो, स्वास्थ्य जागरूकता हो, या फिर गांव के विकास से जुड़े अन्य कार्य, अब हम अधिक प्रभावी ढंग से काम कर पाएंगे। यह कदम क्लब के हर सदस्य की ईमानदारी और लगन का प्रतीक है। हम सभी ने मिलकर जो सपना देखा था, वह अब हकीकत में बदल रहा है। यह पंजीकरण हमें न सिर्फ़ कान...

ब्रह्मानावी नमाइश (जौनसारी रचना) कविता

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ब्रह्मानावी नमाइश (जौनसारी रचना) रचनाकार अर्जुन दत्त शर्मा (थणता) १- चालदा महासू वापुडिया, तेरी सदा जे-जेकार। तेरे आशीर्वाद लेणोंक दैवा, आईए बाऊर जौनसार।। २- नमाइश जबी सुरु करी, त टूटींना कदी चाल। अंईशू खेलदै-खैलावंदू, पूरी हई पच्चीश साल।। ३-ऐई जागा ब्रह्मानाव ती, पर बाणी करो संअ थात। उटैल गाँव मिसाल बणों, ऐई है एकता की बात।। ४- सिल्वर जुबली लग धारा काटी, बाणों खेल मैदान। जतींक आवली गोल्डन जुबली, ततीक बणदो और आलीशान।। ५-एकी गाँव की छोटी कमेटी, पर एकता बेमिसाल। फालटू देखावा कुणी ना करी, ऐजै गुदड़ी के लाल।। ६-बदली-बदली की अध्यक्ष बाणों, दैवों सबुक मोका। जाणकार की कमी ना आति, एकी की आगड़ा ओका।। ७- सहयोगी काम करनक इनुकै, बाठोडे भी सब जवान। भांव पूरण सिंह जी देखो, भांव देखो भाई सुल्तान।। ८- आच्छो गाँव उशियार ऐला भी, असं गांवदी मैल। आकाशवाणी का पुराणा गीतारी, भाई प्रताप सिंह जी उटैल।। ९- अध्यक्ष स्वराज चौहान जी, राखों रंगरोटु का भी खियाल। एतुसे पोइले अध्यक्ष ता, कर्मठ भाई संसार।। १०-चोगिरंदै जाउँदै गाँव एवंडे, करं सबुका मान सम्मान। उटैल के सब सहयोगीअ, खत पंजगाँव और शीली गौथान।। ११...

देई की देउठी - उटैल

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इस स्थान पर ग्रामवासियों द्वारा देई की नाम पर एक गाय का पालन करते है। जिसको देवी का स्वरूप माना जाता है जिसके दुध को न ही बेचा जाता है और न किसी को दिया जाता था। लेकिन गाय का दुध को यहां इस स्थान पर चढ़ाया जाता है। यह पोराणिक हिन्दु आदि शक्ति का स्थान है। इस स्थान को साफ रखने में सहयोग दे इस स्थान की देख रेख उटैल के गांव वासी और उनके द्वारा चलाये गये सोसाईटी चौहान क्लब उटैल द्वारा किया जाता है । धन्यवाद चौहान क्लब उटैल उटैल, पोस्ट - ऑफ़िस थैना, खत - पंजगांव, कालसी देहरादून उत्तराखण्ड भारत। Location: https://maps.app.goo.gl/MQ9t42zPLReXxb6eA

जागडा खेल महोत्सव चौहान क्लब उटैल 2025

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हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चौहान क्लब उटैल द्वारा खेल कूद का आयोजन करवाया जा रहा है। आप लोगों से विनती है की सभी सपरिवार जागरा पर्व में आमंत्रित है।

काली माता मंदिर - उटैल

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काली माता मंदिर - उटैल

उत्तराखंड का वीर सपूत शहीद केसरी चंद

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उत्तराखंड का वीर सपूत: शहीद केसरी चंद , जिसने आज़ादी के लिए मौत को गले लगाया बचपन से ही साहसी और खेलों में गहरी रुचि रखने वाले केसरी चंद में नेतृत्व के अद्भुत गुण और देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। माना जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति उनके गहरे समर्पण के कारण वे अक्सर कांग्रेस की बैठकों और कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते थे। इसी प्रबल भावना ने उन्हें 10 अप्रैल 1941 को रॉयल आर्मी सर्विस कॉर्प्स में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन दिनों द्वितीय विश्व युद्ध अपने चरम पर था, और जल्द ही, 29 अक्टूबर 1941 को केसरी चंद को मलाया के युद्ध के मैदान में तैनात कर दिया गया। दुर्भाग्यवश, इस दौरान उन्हें जापानी सेना ने बंदी बना लिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जोशीले नारे "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" से प्रेरित होकर, केसरी चंद ने आज़ाद हिंद फ़ौज में शामिल होने में जरा भी संकोच नहीं किया। अपने अदम्य साहस और निष्ठा के कारण उन्हें कई जोखिम भरे कार्य सौंपे गए। ऐसे ही एक मिशन के दौरान, इम्फाल में एक महत्वपूर्ण पुल को उड़ाने के प्रया...