पांडव मंडाण
"मंडाण" शब्द का अर्थ उत्तराखंड की जौनसारी क्षेत्र की एक प्राचीन और लोकप्रिय लोकनृत्य शैली है। पांडव मंडाण विशेष रूप से पांडवों और महाभारत की कथाओं से संबंधित है। इस नृत्य शैली में:
1. कथा: पांडवों के जीवन की प्रमुख घटनाओं और कहानियों को नृत्य और संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
2. प्रदर्शन: यह नृत्य आमतौर पर गाँव के खुले मैदानों या चौकों में आयोजित किया जाता है, विशेषकर धार्मिक अनुष्ठानों के अवसर पर।
3. वाद्य यंत्र: ढोल-दमौ, रणसिंगा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिनकी धुनों पर देवी-देवताओं का आह्वान भी किया जाता है।
4. महत्व: यह उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और पांडवों के प्रति लोगों की श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। इसे "पांडव नृत्य" भी कहा जाता है।
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